Na Bhookh Hai Mujhe Na Daulat Ki Pyaas Baki Hai,
Milti Rahe Har Kisi Se Mohabbat Ye Hi Kaafi Hai.
Hindi_Shayaris

Karte Ho Itni Nafarat…
Kyun Tanha Kar Dete Ho…
मैं तुझे मिलूँ…
मैं चाहता हूँ मैं तेरी… हर साँस में मिलूँ,
परछाईयों में, धूप में, बरसात में मिलूँ।
कोई खुदा के दर पे मुझे ढूंढ़ता फिरे,
मैं भी किसी को प्यार की सौगात में मिलूँ।
तड़पे हजारों दिल मगर हासिल न मैं हुआ,
तू चाहता है मैं तुझे यूँ ही खैरात में मिलूँ।