एक जमाना था जब पड़ोसी भी परिवार का हिस्सा थे …
और आज एक ही परिवार में कई पड़ोसी हो गये हैं।
चार दिन गायब होकर देख लीजिए लोग आपका नाम तक भूल जाएंगे।
इंसान सारी जिंदगी धोखे में रहता है कि वह लोगों के लिए अहम है…
लेकिन हकीकत यह होती है कि…
आपके होने या ना होने से किसी को कोई फर्क नही पड़ता!
जिसकी जितनी जरूरत होती है…
उसकी उतनी ही अहमियत होती है ! न रुकी वक़्त की गर्दिश*
न ज़माना बदला…पेड़ सूखा तो…परिंदो ने ठिकाना बदला !