एक जमाना था जब पड़ोसी भी परिवार का हिस्सा थे …
और आज एक ही परिवार में कई पड़ोसी हो गये हैं।
Faasle to badha rahe ho magar itna yaad rakhna
Ke mohabbat baar baar insaan par meharbaan nahin hoti
फासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना
के मोहब्बत बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती
Hum samandar hai hamen khamoosh rahne do
zara machal gaye to shahar le doobengey
हम समंदर है हमें खामोश रहने दो
ज़रा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे